पॉलिटेक्निक क्या है (Polytechnic in Hindi) : इंजीनियरिंग कोर्स की महंगी पढ़ाई और लंबी अवधि के चलते पिछले कुछ वर्षों के दौरान पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि का रुझान देखने में आया है। कई संस्थान हैं जिनमें इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की भी पेशकश की जाती है। कई शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेज भी विभिन्न बीटेक स्पेशलाइजेशन वाले पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
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पॉलिटेक्निक डिप्लोमा में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवारों को संस्थान विशेष द्वारा निर्धारित शर्तों और आवश्यकताएं पूरी करनी होंगी। इसलिए, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे संस्थानों द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों की सावधानीपूर्वक जांच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे प्रवेश के लिए पात्र हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रत्येक पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड संस्थान से संस्थान में भिन्न होता है।
शीर्षक | पात्रता मानक |
योग्यता | 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण |
न्यूनतम अंक | उम्मीदवारों को योग्यता परीक्षा में 40% अंक प्राप्त होने चाहिए। (नोट: न्यूनतम अंक अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग हो सकते हैं) |
राष्ट्रीयता | भारतीय नागरिक |
अनिवार्य विषय | आम तौर पर डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन हेतु गणित, विज्ञान और अंग्रेजी को अनिवार्य माना जाता है। |
पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रम है जिसमें संस्थान प्रवेश लेने वाले छात्रों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करते हैं। आम तौर पर, पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम तीन साल का होता है जिसे पूरा करने के बाद उम्मीदवारों को डिप्लोमा प्रमाणपत्र प्राप्त मिलता है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा छात्रों को प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार के द्वार खोलने और कॅरियर को आगे बढ़ाने में भी मदद करता है। अधिकांश संस्थान सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, फिटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और नई उभरती शाखाओं में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा प्रोग्राम करने की सुविधा देते हैं।
पॉलिटेक्निक और बीटेक कोर्स दोनों में ही संबंधित ब्रांच का कोर्स कराया जाता है। दोनों में कई अंतर हैं जिनमें से कुछ प्रमुख की जानकारी नीचे दी गई है-
डिप्लोमा प्रोग्राम में प्रवेश मोटे तौर पर 10वीं पास होने के बाद लिया जा सकता है वहीं बीटेक में प्रवेश के 12वीं के बाद ही मिलता है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारी यदि बीटेक करना चाहते हैं तो वे बीटेक के दूसरे वर्ष में लैटरल एंट्री के तहत प्रवेश के लिए पात्र होते हैं।
पॉलिटेक्निक और बीटेक के बीच मूल अंतर यह है कि पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स है जबकि बीटेक एक डिग्री कोर्स है।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा आम तौर पर तीन साल का होता है, जबकि बीटेक चार साल की स्नातक डिग्री है।
शुल्क संरचना के संदर्भ में, पॉलिटेक्निक की तुलना में बीटेक की फीस काफी अधिक होती है।
कोर्स की अवधि अधिक होने के कारण बीटेक में चीजों को अधिक गहनता से बताया जाता है।
पंजीकरण - किसी भी पॉलिटेक्निक प्रोग्राम में प्रवेश पाने के लिए, उम्मीदवारों को निर्दिष्ट तिथि के भीतर संस्थान के लिए निर्दिष्ट आवेदन पत्र भरकर जमा करना होता है। पॉलिटेक्निक आवेदन पत्र भरते समय, उम्मीदवारों को कुछ बुनियादी विवरण जैसे व्यक्तिगत, शैक्षणिक जानकारी और संपर्क विवरण का ब्योरा देना होता है और फोटोग्राफ और हस्ताक्षर जैसे आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना होता है। आवेदन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को पॉलीटेक्निक आवेदन शुल्क (Polytechnic application fees in hindi) का भुगतान भी करना होगा। ध्यान रहे कि प्रत्येक पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए आवेदन पत्र अलग-अलग हो सकता है।
एडमिट कार्ड जारी करना - राज्य स्तरीय कई पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षाएं हैं जो राज्य के भागीदार संस्थानों द्वारा प्रस्तावित पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती हैं। निर्दिष्ट तिथियों के भीतर पंजीकरण कर आवेदन करने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए प्रवेश पत्र जारी किए जाते हैं। पॉलिटेक्निक एडमिट कार्ड में पॉलिटेक्निक परीक्षा के दिन से संबंधित सभी विवरण जैसे उम्मीदवार का नाम, परीक्षा तिथि, परीक्षा का समय, आवंटित परीक्षा केंद्र और परीक्षा के दिन के निर्देश दिए रहते हैं।
प्रवेश परीक्षा - संबंधित निकायों द्वारा पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाती है।
परिणाम की घोषणा - परीक्षा के बाद, पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा परिणाम (Polytechinc entrance exam result in hindi) घोषित किए जाते हैं। केवल वही उम्मीदवार प्रवेश के लिए पात्र होंगे जो पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे।
काउंसलिंग प्रक्रिया - प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए बुलाया जाता है। काउंसलिंग के बाद, अधिकारी योग्यता, वरीयता और सीटों की उपलब्धता के आधार पर सीटें आवंटित करेंगे।
उम्मीदवार भाग लेने वाले कॉलेजों में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राज्यवार पॉलिटेक्निक परीक्षा पा सकते हैं।
राज्य | नाम | पॉलिटेक्निक प्रवेश प्रक्रिया (Polytechnic Admission Process in Hindi) |
बिहार | डिप्लोमा-सर्टिफिकेट एंट्रेंस कॉम्पिटीटिव एग्जामिनेशन (DCECE) | |
उत्तर प्रदेश | जीकप (JEECUP) | |
मध्य प्रदेश | मध्य प्रदेश प्री-पॉलिटेक्निक टेस्ट (MP PPT) | |
हिमाचल प्रदेश | एचपी पॉलिटेक्निक एडमिशन टेस्ट (HP PAT) | HP PAT |
छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ प्री-पॉलिटेक्निक टेस्ट (CG PPT) | CG PPT |
झारखंड | पॉलिटेक्निक एंट्रेंस कॉम्पिटीटिव एग्जामिनेशन (PECE) | PECE |
असम | असम पॉलिटेक्निक एडमिशन टेस्ट | Assam PAT |
अरुणाचल प्रदेश | अरुणाचल प्रदेश जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (APJEE) | APJEE |
पश्चिम बंगाल | जेईएक्सपीओ (JEXPO) | JEXPO |
जम्मू और कश्मीर | जम्मू और कश्मीर पॉलीटेक्निक एंट्रेंस टेस्ट | JKPET |
आंध्र प्रदेश | आंध्र प्रदेश पॉलिटेक्निक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (POLYCET) | AP Polycet |
तेलंगाना | तेलंगाना पॉलिटेक्निक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (TS POLYCET) | TS POLYCET |
कई कॉलेज 10वीं या 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेश देते हैं। उम्मीदवार 12वीं के बाद पॉलिटेक्निक में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर कुछ राज्यवार प्रवेश की सूची पा सकते हैं।
राज्य | पॉलिटेक्निक एडमिशन |
हरियाणा | |
महाराष्ट्र | Maharashtra Polytechnic Admission |
गुजरात | Gujarat Diploma Admission |
कर्नाटक | Karnataka Polytechnic |
केरल | Kerala Polytechnic Admission |
तमिलनाडु | Tamilnadu Polytechnic Admission |
पंजाब | Punjab Polytechnic Admission |
गोवा | Goa Diploma Admission |
कोर्स | कॉलेज |