डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering) - 10वीं और 12 के बाद टॉप डिप्लोमा कोर्स लिस्ट देखें
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डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering) - 10वीं और 12 के बाद टॉप डिप्लोमा कोर्स लिस्ट देखें

Team Careers360Updated on 23 Nov 2024, 12:05 PM IST

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering in hindi) : अक्सर छात्र विभिन्न कारणों से पूर्णकालिक (full time) इंजीनियरिंग कोर्स नहीं कर पाते हैं। इंजीनियरिंग क्षेत्र की बुनियादी समझ हासिल करने के लिए, छात्र अक्सर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करते हैं। छात्र बुनियादी और सामान्य समस्याओं को हल करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों, कंप्यूटिंग और गणितीय तकनीकों के बुनियादी सिद्धांतों को सीखते और समझते हैं। डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering in hindi) करने से छात्रों के लिए नौकरी पाना आसान हो जाता है।

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering) - 10वीं और 12 के बाद टॉप डिप्लोमा कोर्स लिस्ट देखें
Diploma in Engineering in hindi

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering in hindi) - इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्यों?

पाठ्यक्रम का शुल्क अधिक होने के कारण, छात्र बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी में अपना नामांकन नहीं करवा पाते हैं। इसलिए छात्र डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स के द्वारा बी.टेक और बी.ई कार्यक्रम के दूसरे वर्ष में सीधे प्रवेश पाने के लिए डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग (Diploma in Engineering) करने के लिए अपना नामांकन कराते हैं। इंजीनियरिंग में डिप्लोमा बी.टेक/बी.ई में बैक डोर एंट्री के रूप में कार्य करता है जिससे डिप्लोमा कोर्स करने वाले छात्रों के लिए समग्र शुल्क कम हो जाता है।

इंजीनियरिंग कोर्स, जो कुल छह साल का होता है, जिसमें 11वीं और 12वीं में दो साल और फिर कोर्स को पूरा करने में चार साल लगता हैं, वही योग्यता 3 साल के डिप्लोमा कोर्स से हासिल की जाती है, जिसे छात्र 10वीं के बाद कर सकते हैं। इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जैसे जेईई मेन और जेईई एडवांस या राज्य या सामान्य प्रवेश परीक्षा को डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के साथ छोड़ दिया जा सकता है।

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स का पैटर्न (Pattern of Diploma in Engineering in hindi)

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering) का अध्ययन संस्थान के आधार पर एक वार्षिक या एक सेमेस्टर पैटर्न में हो सकता है। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में अधिकांश डिप्लोमा वार्षिक पैटर्न की अवधि तीन वर्ष होती है। वहीं, सेमेस्टर पैटर्न को फॉलो करने वाली संस्था चार साल में कोर्स मुहैया कराती है। इन चार वर्षों को तीन साल के अध्ययन और एक साल के औद्योगिक इंटर्नशिप के साथ जोड़ा जाता है। इन पाठ्यक्रमों को आवश्यक प्रवेश परीक्षा योग्यता के आधार पर दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, पहला पोस्ट-सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट और दूसरा पोस्ट-हाईयर सेकेंडरी सर्टिफिकेट के रूप में। 10 वीं कक्षा के बाद के छात्र संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले पोस्ट-सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। 10+2 के बाद के छात्र संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले हायर-सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।

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डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स के लिए पात्रता मानदंड

इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स (Diploma in Engineering) में प्रवेश के लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यता उच्य माध्यमिक (10 वीं) या उच्चतर माध्यमिक (10 + 2) है। न्यूनतम आवश्यक प्रतिशत का एक संस्थान से दूसरे संस्थान में भिन्न होता है, इसलिए उम्मीदवारों को डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन करने से पहले इसकी जांच कर लेनी चाहिए। किसी भी डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के लिए आवेदन करने के लिए गणित और विज्ञान जैसे विषय अनिवार्य विषय हैं। इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ज्यादातर टेक्निकल एजुकेशन के राज्य बोर्डों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से किया जाता है।

डिप्लोमा डिग्री हासिल करने के बाद, छात्र बी.टेक/बी.ई कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्र हैं। न केवल छात्र बी.टेक/बी.ई कार्यक्रम में प्रवेश पाने के पात्र हैं बल्कि बीटेक के द्वितीय वर्ष में सीधे प्रवेश भी ले सकते है। जिस परीक्षा से यह संभव है उसे लेटरल एंट्री टेस्ट (Lateral Entry Test (LET)) के रूप में जाना जाता है। यदि छात्र एलईटी द्वारा निर्धारित बी.टेक/बी.ई कार्यक्रमों के मानदंडों को पूरा करते हैं तो छात्र अपने संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए दूसरे वर्ष के लिए आवेदन कर सकते हैं। बी.टेक/बी.ई कार्यक्रमों और डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स के लिए पाठ्यक्रम प्रारंभिक चरणों के दौरान समान होती है लेकिन बाद के चरण में परिवर्तन होता रहता है। जिन छात्रों ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है, वे नियमित बी.टेक / बी.ई छात्रों की तुलना में कोर्स के मूल सिद्धांतों के मामले में उन्हें फायदा हो सकता हैं।

डिप्लोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स, इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स (IETE) द्वारा आयोजित एक डिप्लोमा स्तर की परीक्षा है। परीक्षा भारत भर के विभिन्न संस्थानों में वर्ष में दो बार (जून और दिसंबर) आयोजित की जाती है।

इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्रदान करने वाले कॉलेज

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering Course in hindi)

डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के कुछ लोकप्रिय कोर्स के नाम नीचे दिए गए हैं:

  • डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग (Diploma in Automobile Engineering)

  • डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (Diploma in Computer Science & Engineering)

  • डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (Diploma in Electronics and Communication Engineering (DETCE))

  • डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Diploma in Mechanical Engineering (DME))

  • डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (Diploma in Aeronautical Engineering)

  • डिप्लोमा इन इनफार्मेशन साइंस (Diploma in Information Science)

  • डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग (Diploma in Civil Engineering (DCE))

  • डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Diploma in Electrical Engineering (DEE))

  • डिप्लोमा इन मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग (Diploma in Metallurgical Engineering)

इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रुमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा

डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग (Diploma in Engineering) छात्रों को व्यावहारिक और कौशल-उन्मुख ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स आवेदन-आधारित शिक्षा पर अधिक केंद्रित हैं, जिससे उम्मीदवारों को मुख्य कांसेप्ट और प्रणालियों की पूरी समझ के साथ तकनीकी रूप से मजबूत होने में मदद मिलती है। डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग का यह लेख डिप्लोमा इंजीनियरिंग के पैटर्न, पात्रता मानदंड और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा प्रदान करने वाले संस्थानों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान करता है जो इच्छुक छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering in hindi) - डिप्लोमा कोर्स 10 वीं के बाद

बहुत से ऐसे छात्र है जो डिप्लोमा कोर्स 10 वीं के बाद करना चाहते हैं और अपने करियर विकल्प के रूप में 10वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स का चुनाव करते हैं। 10वीं की पढाई पूरा करने के बाद बहुत से ऐसे डिप्लोमा कोर्स हैं जो किसी छात्र के लिए बेहतर करियर विकल्प होते हैं। 10वीं के बाद पॉपुलर कोर्स की अधिक जानकारी के लिए आप इस पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर सकते हैं और पढ़ सकते हैं। 10वीं के बाद के डिप्लोमा कोर्स और करियर विकल्प की जानकारी के लिए पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए - यहाँ क्लिक करें

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Engineering Course in hindi) - डिप्लोमा कोर्स फीस

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स फीस सभी पाठ्यक्रम और संस्थान के अनुसार भिन्न हो सकता है। अनुमानित रूप से 50 हजार से 1 लाख तक डिप्लोमा कोर्स फीस के रूप में भुगतान करना पड़ सकता है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: इंजीनियरिंग में डिप्लोमा का क्या अर्थ है?
A:

डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स मुख्य रूप से एक तकनीकी डिग्री है और स्नातक डिग्री से नीचे की कक्षा है। डिप्लोमा छात्रों को इंजीनियरिंग के कुछ बुनियादी ज्ञान को समझने में मदद करता है।

Q: डिप्लोमा में कितने कोर्स होते हैं?
A:

ऐसे 256 कोर्स हैं जिन्हें एक व्यक्ति 10वीं और 10+2 के बाद करने के योग्य है।

Q: इंजीनियर की पढ़ाई कैसे करें?
A:

इंजीनियर की पढ़ाई करने के लिए आप 10वीं के बाद डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग कर सकते हैं और उसके बाद बीटेक के दूसरे वर्ष में डायरेक्ट दाखिला ले सकते हैं। 12वीं की पढाई पूरा करने के बाद आप जेईई मेन परीक्षा के माध्यम से बीटेक/बी प्लान में प्रवेश ले सकते हैं या आईआईटी और एनआईटी में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

Q: डिप्लोमा कोर्स फीस कितनी है?
A:

इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स करने के लिए 50 हजार से 1 लाख तक के शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है।