आईआईटी में जेईई के बिना कैसे पाएं प्रवेश
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आईआईटी में जेईई के बिना कैसे पाएं प्रवेश

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Team Careers360Updated on 06 Jan 2025, 04:27 PM IST
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आईआईटी में जेईई के बिना कैसे एडमिशन होता है : वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में 23 आईआईटी हैं और आईआईटी में प्रवेश पाना एक कठिन काम है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं जो इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा अग्रणी क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। जेईई मेन या एडवांस्ड में कम अंक आने के बाद कई छात्र आईआईटी में एडमिशन का सपना छोड़ देते हैं जबकि जेईई के बिना भी आईआईटी में प्रवेश पाने के कई तरीके हैं।

आईआईटी में जेईई के बिना कैसे पाएं प्रवेश
आईआईटी में जेईई के बिना कैसे एडमिशन पाएं

आईआईटी का उद्देश्य ज्ञान की सशक्त नींव का निर्माण करना, उत्कृष्ट बनना और बौद्धिक रूप से प्रेरक वातावरण में रचनात्मकता को बढ़ावा देना है। आईआईटी का जीवंत शैक्षणिक माहौल और सुसज्जित शोध सुविधाएं छात्रों को बुनियादी विज्ञान के साथ ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अंतरविषयक क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास कॅरियर को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती हैं। इंजीनियरिंग या बेसिक साइंस की पढ़ाई करने का इच्छुक हर छात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (Indian Institute of Technology- IIT) यानी आईआईटी में एडमिशन का सपना देखता है।

आईआईटी भारत के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थान हैं जो मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी और बुनियादी विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा देते हैं। इसमें प्रवेश के लिए जेईई (ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जाम) पास करना पहली प्राथमिकता माना जाता है। जेईई मेन या एडवांस्ड में कम अंक आने के बाद कई छात्र आईआईटी में पढ़ने का सपना छोड़ देते हैं जबकि आईआईटी में कुछ मानविकी और अंतरविषयक पाठ्यक्रमों में कोर्स करने की सुविधा भी होती हैं। इसके लिए जेईई जरूरी नहीं है। जेईई के बिना भी आईआईटी में प्रवेश पाने के कई तरीके हैं, जिनके बारे में हमने इस लेख में विस्तार से बताया है।

आईआईटी में प्रवेश कैसे प्राप्त करें?

आईआईटी में सीट हासिल कर पाना आसान नहीं है क्योंकि छात्रों को प्रवेश के लिए कठिन प्रवेश परीक्षाओं की बाधा को पार करना पड़ता है। बीटेक जैसे यूजी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए, छात्रों को जेईई एडवांस्ड से गुजरना पड़ता है, यह विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। यदि हम आवेदकों की संख्या को सीट के अनुपात की दृष्टि से देखें तो आईआईटी में प्रवेश के पहले चरण की परीक्षा में सफल रहने वाले शीर्ष के 2,50,000 छात्र उपलब्ध लगभग 11,000 बीटेक सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करते दिखाई देते हैं। अन्य पीजी प्रोग्रामों में प्रवेश विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दिए जाते हैं।

क्या जेईई के बिना आईआईटी में प्रवेश मिल सकता है?

बीटेक के अलावा अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के पास आईआईटी में प्रवेश पाने के कई विकल्प हैं। आईआईटी में एमटेक करने के इच्छुक छात्र गेट (GATE) के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं जबकि कैट (CAT) के माध्यम से इनके मैनेजमेंट प्रोग्रामों में प्रवेश मिलता है। ये सभी प्रवेश परीक्षाएं राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं हैं जिनमें बड़ी संख्या में आवेदक हिस्सा लेते हैं। आईआईटीज में मानविकी, सामाजिक विज्ञान और अन्य अंतरविषयक प्रोग्रामों में प्रवेश संस्थान स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दिया जाता है जो कि संबंधित संस्थानों द्वारा ही आयोजित की जाती हैं। इस लेख में हम आईआईटी के उन सभी पाठ्यक्रमों की एक सूची प्रदान कर रहे हैं जिनमें प्रवेश जेईई एडवांस्ड के बिना लिया जा सकता है। कुछ परीक्षाएं जिनके माध्यम से आईआईटी में जेईई के बिना प्रवेश लिया जा सकता है वे हैं-

  • गेट (GATE)
  • कैट (CAT)
  • जैम (JAM)
  • सीएसआईआर नेट (CSIR NET)

ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट ऑफ इंजीनियरिंग (Graduate Aptitude Test of Engineering -GATE)

आईआईटी में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्र गेट के माध्यम से सीट प्राप्त कर सकते हैं। यह इंजीनियरिंग और इसके संबद्ध विषयों के एमटेक, एकीकृत एमटेक –पीएचडी और पीएचडी कोर्स में प्रवेश की परीक्षा है। ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) का आयोजन भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Instiute of Science -IISc), बैंगलोर तथा बंबई, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास और रुड़की स्थित सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। आईआईटीज और एमएचआरडी/अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा सहायता प्राप्त संस्थानों में इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी/आर्किटेक्चर में मास्टर प्रोग्राम और विज्ञान की संबंधित शाखाओं के डायरेक्ट डॉक्टोरल प्रोग्रामों में सीधे प्रवेश और/या वित्तीय सहायता पाने के लिए गेट में सफल होना अनिवार्य है।

गेट परीक्षा इंजीनियरिंग और बुनियादी विज्ञान के 29 विषयों में आयोजित की जाती है। छात्र स्नातक की अपनी विशेषज्ञता के आधार पर रुचि के डिसिप्लिन का चयन कर सकते हैं। परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकृति की होती है जिसमें तीन घंटे की अवधि में 65 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं।

कॉमन एडमिशन टेस्ट (Common Admission Test- CAT)

कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) स्नातक प्रबंधन कार्यक्रम में प्रवेश के लिए एक कंप्यूटर आधारित टेस्ट है। टेस्ट में तीन सेक्शन- वर्बल एबिलिटी एंड रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन (VARC), डेटा इंटरप्रिटेशन एंड लॉजिकल रीजनिंग (DILR) और क्वांटिटेटिव एबिलिटी (QA) होते हैं। कुल मिलाकर यह तीन घंटे की ऑनलाइन परीक्षा है जिसमें हर खंड के लिए एक घंटे निर्धारित है। भारतीय प्रबंधन संस्थानों (Indian Institute of Management -IIM) ने इस परीक्षा को शुरू किया और अपने व्यवसाय प्रबंधन प्रोग्रामों (एमबीए या पीजीडीएम) के लिए छात्रों का चयन करने के लिए टेस्ट का उपयोग किया। टेस्ट को हर साल किसी एक आईआईएम द्वारा रोटेशन की नीति के आधार पर आयोजित किया जाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) अपने प्रबंधन कार्यक्रमों के लिए छात्रों का चयन करने के लिए कैट स्कोर का उपयोग करते हैं। इससे पहले आईआईटी के मैनेजमेंट प्रोग्रामों में प्रवेश संयुक्त प्रबंधन प्रवेश परीक्षा (Joint Management Entrance Test -JMET) के माध्यम से दिया जाता था, जिसे 2012 से बंद कर दिया गया।

ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर एमएससी (Joint Admission Test for M.Sc- JAM)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बैंगलोर, इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (Indian Institutes of Science Education and Research- IISERs), राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (National Institute of Science Education and Research- NISER, Bhubaneswar), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) और अन्य संस्थानों के एमएससी और अन्य स्नातकोत्तर विज्ञान प्रोग्रामों में प्रवेश के लिए हर साल आयोजित की जाने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा है जैम (JAM)।

छात्र आईआईटीज में एमएससी, संयुक्त एमएससी -पीएचडी, डुएल डिग्री एमएससी -पीएचडी प्रोग्रामों में प्रवेश ले सकते हैं। आईआईटीज के ये स्नातकोत्तर प्रोग्राम अपने संबंधित विषयों में उच्च गुणवत्ता वाली विश्नस्तरीय शिक्षा प्रदान करते हैं। इन प्रोग्रामों के पाठ्यक्रम छात्रों में शैक्षिक प्रतिभा विकसित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं ताकि वे आगे चलकर अवसरों से भरपूर रोमांचक और समृद्ध जीवन की और बढ़ सकें।

कुल 7 विषयों के लिए जैम (JAM) का आयोजन किया जाता है जिसमें गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणितीय सांख्यिकी, भूविज्ञान, जैविक विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी शामिल हैं। तीन घंटे के इस ऑनलाइन टेस्ट में 60 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) हल करने होते हैं।

सीएसआईआर नेट

सीएसआईआर नेट असल में आईआईटी/विश्वविद्यालयों के विभागों/राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों के अन्य संस्थानों में कार्यरत विशेषज्ञ संकाय सदस्यों और वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेने के लिए शोध फेलोशिप के लिए पात्रता प्रदान करने वाली परीक्षा है। यह परीक्षा भारतीय विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में लेक्चरर/सहायक प्रोफेसर पद के लिए उम्मीदवारों की पात्रता भी निर्धारित करती है। जेआरएफ की पात्रता हासिल करने वाले लेक्चरशिप/सहायक प्रोफेसर पदों के लिए भी पात्र होंगे बशर्ते यूजीसी द्वारा निर्धारित सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करें। कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर केवल लेक्चररशिप/सहायक प्रोफेसर के लिए ही पात्र घोषित किया जाता है। टेस्ट ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाता है। तीन घंटे के इस टेस्ट में बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) के जवाब देने होते हैं।

आईआईटी के बारे में संक्षिप्त जानकारी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भारत के प्रमुख उच्च शिक्षा तकनीकी संस्थान हैं, जो मुख्य रूप से मानविकी और इंटर-डिस्प्लीनरी विषयों में कुछ पाठ्यक्रमों के साथ प्रौद्योगिकी और बेसिक साइंस के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करते हैं। ये संस्थान शिक्षण और अनुसंधान के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, उन्नत प्रयोगशालाओं से सुसज्जित हैं, और इनमें उच्च प्रशिक्षित और अनुभवी संकाय हैं और ये शानदार प्लेसमेंट प्रदान करते हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं और इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। IIT का उद्देश्य ज्ञान की एक मजबूत नींव बनाना, उत्कृष्टता का पीछा करना और बौद्धिक वातावरण में रचनात्मकता को बढ़ाना है। आईआईटी के जीवंत अकादमिक माहौल और अच्छी तरह से सुसज्जित अनुसंधान बुनियादी ढांचे ने छात्रों को बेसिक साइंस के अग्रणी क्षेत्रों के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इंटर-डिस्प्लीनरी क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है।